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लेखनी प्रतियोगिता -11-May-2022

जीवन की बगिया में मैंने

रिश्तों के फूल लगाए थे
पर वक्त की आंधी में अपने
सब रिश्ते डाल से टूट गए।

सोचा था यारों की महफ़िल 
में जाकर सुख दुःख बांटेंगे
सबकी अपनी मजबूरी थी
धीरे धीरे सब छूट गए।


कुछ सुंदर सपने एक साथ
हमने तुमने जो देखे थे
वो सारे सपने बिखर गए 
तुम रूठ गए हम टूट गए।

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31 Comments

Reyaan

13-May-2022 07:40 PM

Very nice 👍🏼

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Seema Priyadarshini sahay

12-May-2022 06:55 PM

बहुत खूबसूरत

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Anshumandwivedi426

12-May-2022 10:01 PM

कोटिशः धन्यवाद

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Haaya meer

12-May-2022 06:36 PM

Very nice

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Anshumandwivedi426

12-May-2022 10:00 PM

Thanks a lot

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